बर्फ में अनेक औषधीय गुण होते है

बर्फ प्रायः हर जगह आसानी से मिल जाती है। आजकल अधिकांश घरों में रेफ्रीजरेटर होते हैं सो घर में ही बर्फ बन जाती है। पानी सेबनी शीतलता और तृप्ति प्रदान करने वाली पारदर्शी बर्फ में अनेक औषधीय गुण भी छिपे होते हैं। विभिन्न खाद्य पदार्थों को खराब होने से बचाने या देर तक सुरक्षित बनाए रखने में लम्बे समय से बर्फ का उपयोग किया जा रहा है। अनेकानेक ठण्डे पेय बनाने में बर्फ का उपयोग सर्वविदित है। बर्फ का उपयोग अनेक शारीरिक व्याधि- कष्टों में आराम पाने के लिए भी किया जाता है। बर्फ से की जाने वाली चिकित्सा को आइस थैरेपी कहा जाता है। चिकित्सा के क्षेत्र में बर्फ का उपयोग विशेष रूप से रोगी को राहत प्रदान करने के लिए किया जाता है।


चोट आदि लगने पर एक घरेलू औषधि के रूप में भी बर्फ किसी परिचय की मोहताज नही हैं आवश्यकता पड़ने पर इसके उपयोग अनेक से रोगी को तुरन्त राहत मिलती है। बाजार में मिलने वाली बर्फ में अक्सर गन्दगी पायी जाती है। जाहिर है बर्फ बनाने में प्रायः साफ पानी के बजाय दूषित जल का उपयोग किया जाता है या अपेक्षित सावधानी नहीं बरती जाती। यह आवश्यक है कि बर्फ बनाने में स्वच्छ पानी का उपयोग किया जाए चाहे वह खाद्य पदार्थों के साथ उपयोग की जाए या इलाज के लिए चिकित्सक बर्फ के औषधीय गुणों का अपने रोगियों को राहत देने के लिए खूब उपयोग करते हैं। गर्म सिकाई की अपेक्षा आवश्यकता · अनुसार ठण्डी सिकाई का उपयोग निरापद माना जाता है। तेज बुखार में बर्फ का उपयोग शीघ्रराहत देता है। आवश्यकता . अनुसार चाहे वर्फ की पट्टी रखी जाए या बर्फ के ठण्डे पानी में भिगोई पट्टी को उपयोग किया जाए, बुखार जल्दी उतर जाता है और रोगी को आराम मिलता है। 


तेज गर्मी के मौसम में अधिकांश लोगों को घमौरियों का प्रकोप झेलना पड़ता है। शरीर के घमौरियों से प्रभावित भाग पर वर्फ मलने से शीघ्र आराम मिलता है। लू लग जाने पर बर्फ के टुकड़े हाथ-पैरों पर मलने से तुरन्त लाभ मिलता है। • रोजाना चेहरे पर बर्फ मलने से झुर्रियों का आगमन रुकता है और त्वचा भी कांतिमय बनी रहती है। . अनुचित खानपान के कारण पैदा हुई पेट की गड़बड़ यानी जलन, उबकाई आदि परेशानी होने पर पेट पर बर्फ की पट्टी रखने से लाभ मिलता है। . कभी-कभी शरीर के किसी भाग में कोई कांटा या फांस लग जाती है तो काफी तकलीफ देती है। ऐसे समय शरीर के उस भाग पर हल्के हाथ से बर्फ मलनी चाहिए। थोड़ी देर में वह भाग सुन्न हो जाएगा और तब गुण कांटा या फास आसानी से निकाली जा सकती है। क्रोधी व्यक्ति के लिए बर्फ एक श्रेष्ठ औषधि है। क्रोध आने पर ठण्डा पानी पीने-पिलाने से क्रोधशांत हो जाता है। गर्मी के मौसम में बाजार से मिलने वाली हानिकारक रसायनों के उपयोग से बने किसी बोतल बन्द ठण्डे पेय के स्थान पर बर्फ, नींबू और चीनी या बूरे से बनी शिंकजी पीना गुणकारी और सुरक्षित है। आवश्यकतानुसार चीनी की बजाय नमक का उपयोग भी किया जा सकता है। नवजात शिश न रोए और न सांस लेता लगे तो उसके गुदाद्वार पर 10-20 सेकंड के लिए बर्फ का टुकड़ा रखने पर स्थिति बदल जाती है। शरीर पर कहीं छोटी-मोटी चोट या रगड़ लगने पर खून बहने लगता है। प्रभावित भाग पर बर्फ लगाने से जल्दी ही खून बहना बन्द हो जाता है।


नाक से बन बहने की स्थिति नाक के पास बर्फ रखकर लेने या सुंघने से खून बहना हो जाता है। .हेजा होने पर बर्फ का चूसने से बार-बार उल्टी चोट लगने पर बर्फ का उपयोग करना सुरक्षित है। खून सूजन और दर्द में बर्फ जल्दी राहत देती प्रभावित स्थान पर मलने के अलावा उस पर के पानी में भिगोकर 3-किया साफ मुलायम कपड़ा रखना चाहिए। सूजन और की रोकथाम के लिए ठण्डे गर्म पानी का उपयोग जाता है। एक ओषधि या चिकित्सा उपाय के रूप में बर्फ के उपयोग बारे में अधिक जानकारी के किसी जानकार व्यक्ति, चिकित्सक या किसी अच्छी पुस्तक की अवश्य लें।