दही दूध से ज्यादा गुणकारी

आयुर्वेद के अनुसार दही स्वास्थ्यवर्धक, भूख बढ़ाने वाला, मन प्रफुल्लित करने वाला, पुष्टिकारक, रक्त साफ करने वाला, विषनाशक, हृदय व मस्तिष्क को शीतलता प्रदान करने वाला, निग्धकारी, यकृत की साल बढ़ाने वाला, बात-कफ नाशक, पेट के रोग तथा अर्शनाशक है। इसके अलावा यह अतिसार अपच, प्रमेह तथा श्वेत कुष्ठ का भी नाश करता है। 


दूध और दही दोनों में वैसे तो गुणकारी तत्व समान रूप से पाए जाते हैं, फिर भी पोषण के मामले में दही निम्न कारणों से बेहतर हैं-


* दूध को पीने के लिए गर्म करना पड़ता है जिसमें श्रम व ऊर्जा खर्च होती है। जबकि दही ठंडा ही काम में लिया जा सकता है, इसलिए यह काफी लंबे समय तक उपयोगी है।


• दूध की चिकनाई कोलेस्ट्रोल बढ़ाती है। अतः हृदय के लिए नुकसानदायक है जबकि दही की चिकनाई कोलेस्ट्रोल नहीं बढ़ाती इसलिए हृदय रोगों तथा रक्तचाप में दही ज्यादा फायदेमंद है।


* दही में चिकनाई के कण दूध की अपेक्षा छोटे होते हैं। अतः वे जल्दी पचते हैं। ऐसा पाया गया है कि दूध की चिकनाई हजम होने में करीब 3 गुना ज्यादा समय लेती हैं।


दही में कैल्शियम की मात्रा दूध से 18 गुनी अधिक हो जाती है।


ऐसा पाया गया है कि दही का इस्तेमाल कैंसर कोशिकाओं की वृद्धि को रोकता है, जबकि दूध कैंसर में कोई फायदा नहीं पहुंचता।


दही का 80 प्रतिशत हिस्सा शरीर के काम आ जाता है जबकि द्ध का 20 प्रतिशत भाग ही शरीर के काम आता है।


दूध जब दही बनता है तो रासायनिक क्रियाओं द्वारा अधिक सुपाच्य होता जाता है। इस कारण दही उन्हें भी हजम हो जाता है जिन्हें दूध हजम नहीं होता।


दमा व मलेरिया के अलावा दही हर बीमारी में खाया जा सकता हर बीमारी में खाया जा सकता है। इसे बच्चे-बूढ़े हर मौसम में खा सकते हैं। जबकि दूध बूढ़ों के लिए थोड़ा लेना ही ठीक रहता है।


दही दूध से ज्यादा टिकाऊ, पौष्टिक तथा पेट के रोपियों के लिए ज्यादा लाभदायक रहता है।


          दही के औषधीय गुण


दही में पानी, मीठे फलों का रस, मिश्री आदि मिलाकर पीने से गर्मी के दिनों में गर्मी शांत होती है तथा शरीर को शक्ति मिलती है जिससे ल से बचाव होता है।


दही में वादाम, किशमिश, गोला, पिस्ता, छुहारा आदि मिलाकर पीने से वजन बढ़ता है।


अतिसार में दही में ईसबगोल की। भूसी मिलाकर खाने से लाभ होता है।


कब्ज में दही के मढे में अजवायन मिलाकर पीने से कब्ज दूर होता है तथा पेट साफ रहता है।


अपच, अफारा, अजीर्ण में दही की लस्सी बनाकर उसमें जीरा, काली मिर्च, नमक डालकर पीने से लाभ होता है।


आंखों की गर्मी व जलन दूर आखा का ग करने के लिए दही की ठंडीमलाई आंखों पर लगाने से आराम मिलता है।


* दही के मढे के साथ प्रतिदिन 4-5 कलियां लहसून का रस या सौंठका चूर्ण मिलाकर पीने से महिलाओं के कमर दर्द में आराम मिलता है।


दही खिलाने से भांग का नशा उतर जाता है।


दही या मक्खन निकली छाछ में जरा हल्दी मिलाकर पीलिया के रोगी को दिन में कई बार पिलाने से फायदा होता है।


दही मुंह के छालों की जलन कम करता है। मुंह के छालों पर दही की मलाई लगाने से छालों की जलन शांत होती है। दिन में कई बार ऐसा करने से छाले ठीक हो जाते हैं।


दही से निकले मक्खन में थोड़ासा कपूर मिलाकर माथे पर लेप करने से नकसीर रूक जाती है।


दही के मढे में नीम की कोंपल पीस कर फोड़े-फुसियों पर लगाने से वे ठीक होती हैं। अगर मढे में 1-2 नीम की पत्ती पीसकर पिएं तो खून साफ होता है। 


गाय के दही की छाछ और शरीर पर मलने से पित्ती का निकलना बंद हो जाता है। 


एक पाव गाय के ताजे दही में । मिश्री मिलाकर पीने से गर्मी का जुकाम शीघ्र ठीक हो जाता है।


          दही सौंदर्यवर्धक


भारत में प्राचीन समय से ही दही का प्रयोग सौंदर्य सज्जा के लिए किया जाता रहा है, क्योंकि यह स्नायुओं और त्वचा को पुष्टिकारक तत्व प्रदान करता त्वचा साफ करने के लिए दही विशेष गुणकारी है।


दही में बेसन मिलाकर लगाने से त्वचा की सफाई हो जाती है तथा मुहांसे ठीक हो जाते हैं। रोम छिद्र कूपों , को आवश्यक चिकनाई मिलती है जिससे त्वचा मुलायम बनी रहती है व चेहरे का रंग निखर कर कांति आती है।


* दही में आटे का चोकर मिलाकर - रखें व थोड़ी देर बाद मुलायम हो। जाने पर त्वचा पर उबटन करें। इससे त्वचा निखर उठेगी। इस उबटन से विटामिन 'सी' व 'ई' त्वचा को मिलेगा जो स्वास्थ्यवर्धक है।


* मसूर की दाल को दही में भिगोकर रात भर रखें। सुबह उसे पीसकर उसमें थोड़ा मक्खन व हल्दी मिलाकर उबटन करें। इसके नियमित प्रयोग से त्वचा में लावण्य, चमक व स्निग्धता आएगी और त्वचा का रंग साफ होगा। दही में जई का आटा मिलाकर इसे चेहरे पर लगाएं, फिर 10-15 मिनट बाद गुनगुने पानी से धो लें। इससे त्वचा गोरी और मुलायम बनेगी।


* दही में चावल का आटा मिलाकर खूब फेंटे फिर इसका उवटन करें __यह एक बहुत बढ़िया कलींजर रहेगा, यह चेहरे के अलावा 'गर्दन, बाहों, टांगों तथा सारे शरीर पर लगाया जा सकता है। सामान्य तथा शुष्क त्वचा के लिए यह बहुत लाभदायक रहेगा।


* दही में संतरे व नींबू का रस मिलाकर क्लींजर के रूप में उपयोग में लाया जाए तो वह त्वचा को सारे पोषक तत्व प्रदान करेगा तथ चेहरे का रंग निखर कर कांति बढ़ाएगा।


* दही बालों के लिए बहुत लाभदायक है, क्योंकि इसमें वे सभी तत्व मौजूद रहते हैं जो स्वस्थ्य बालों के लिए जरूरी होती हैं। दही को वालों की जड़ों में अंगुलियों के पोरों से मलें व कुछ देर ठकर कर बालों को पानी से धो लें। ऐसा करने से वालों की खुश्की दूर होगी।