धन निकालने का उपाय

कई बार ऐसा देखा गया है कि शनिवार जब आप किसी व्यक्ति विशेष से चौकी मिलकर व्यापार शुरू करते हैं, आप दीपक और वह दूसरा व्यक्ति अपनी कमाई सामने का बहुत सा हिस्सा इसमें लगाते हैं, उसमें इसमें एक दूसरे का विश्वास होता ही उसके है, तभी यह कार्य सुचारू रूप से चलता रहता है, यदि आप का पार्टनर अच्छा नहीं निकलता, पैसे के लालच में धीरे-धीरे आपको धोखा देने लगता है,आपके दोस्ती में दरार आने लगती तिलक है और आपके धन को हड़पने की कोशिश करता है, कई बार वह आपको धोखा देकर आपकी साख को भी हानि पहुँचा देता है। उस स्थिति में आप विचित्र स्थिति में फंस जाते हैं, तमाम व्यापार अस्तव्यस्त हो जाता है क्योंकि धनके बगैर व्यापार संभव नहीं, ऐसी दशा में गये हुए व्यक्ति के पास फंसे हुए रुपयों को निकालने के लिए यह साधना अनुकूल होती है- किसी भी शनिवार को रात्रि 11 बजे अपने सामने चौकी पर वस्त्र बिछा दें, पाच तेल के दीपक लाइन में रखकर जलायें, उसके सामने पांच लाल चावल की ढेरी बनाए, उसमें पांच गोमती चक्र स्थापित करें, उसके नीचे पांच सफेद चावल की ढेरी बनाकर पांच हकीक पत्थर स्थापित करें। उसके नीचे काले चावलों का पांच ढेरी बनाकर पांच लघु नारियाल स्थापित करें। इन सभी पर कुंकुम का तिलक करें, अक्षत चढ़ाएं फिर पुष्प की पंखुड़ी चढ़ाकर निम्न मंत्र का 21 बार माला मंत्र जाप करें।


ॐ हीं चिर लक्ष्मी एं आगच्छ स्वाहा।।


साधना, समाप्ति के बाद सामग्री को लाल कपड़े में बाँधकर अपने घर में रख दें, तीन महीने के अन्दर-अन्दर आपको अपने कार्य में अनुकूलता प्राप्त होती है और व्यापार पुनः स्थापित हो जाता है तथा आप किसी से धोखा नहीं खा सकते।