भारत में बिल्ववृक्ष को बहुत पवित्र माना जाता है । यह पवित्रता के साथ-साथ औषधियों का भण्डार भी है।
*गर्मीयों में बेल के बने शर्बत का नियमित सेवन करना चाहिये। यह गर्मी से राहत दिलाता है।
* पीलिया, सूजन तथा कब्ज आदि में बेल की पत्ती का रस थोड़ी काली मिर्च मिलाकर चूर्ण बना लेवें और दिन में तीन बार प्रयोग करें बहुत आराम मिलता है।
* हृदय के रोगी को बेल वृक्ष के भीतर की छाल १० तोले कूट कर आधा किलो गाय के दूध में मिलाकर उसमें थोड़ा. मीठा भी डालें प्रातःकाल नियमित सेवन करें लाभ मिलता है।
* बच्चों के होने वाले दस्तों में एक चम्मच बिल्व पत्र रस देने से शीघ्र लाभ मिलता है।
* बेल का मुरब्बा खून मिले दस्तों पर प्रभावीशाली क्रिया दिखलाता है तथा घावों को अच्छा करने में बड़ा लाभकारी है।
*घाव कैसा भी हो, बिल्वपत्र जल में पकाकर उस जल से धोने के बाद ताजेपत्ते पीसकर बाँध दीजिये यह पीड़ा व घाव को जल्दी ठीक करता है।