सवके हस्ताक्षर बोलते हैं हृदय कपाट खोलते हैं आपका चरित्र तौलते हैं हर व्यक्ति के हस्ताक्षर अलग हा पा प्याफ्ता के हस्ताक्षर एक तरह के नहीं होते। हस्ताक्षर पर भी विशेषज्ञों ने शोध किया है। यह भी एक तरह का ज्ञान हा हा हस्ताक्षर दख कर हम उस व्यक्ति की प्रतिष्ठा के साथ उसके स्वभाव का भी पता चल सकता है। कई बार देखा गया है कि किसी व्यक्ति के हस्ताक्षर इतने सुन्दर होते है कि हम तुरंत आकर्षित होकर प्रशंसा करने लगते हैं और बाद में यह भी पता चलता है कि उसके अक्षर जितने सुन्दर हैं वह व्यक्ति दिल से बहुत ही काला है और रद्दी बेकार हस्ताक्षर वाला व्यक्ति बहुत ही सज्जन सम्मानीय प्रतिष्ठित व लोकप्रिय है। महात्मा गाँधी के अक्षर बहुत ही खराब थे। उनके द्वारा लिखे अक्षर भी टेढ़े-मेढ़े होते थे, पर उनके विचार कितने उच्च कााट के थे, भाषा भी अच्छी थी। अतः लोकनायक बने। कई सुन्दर हस्ताक्षर वाले अत्यन्त ही सामान्य जीवन जीत हैं। हस्ताक्षर विशेषज्ञों ने जो अध्ययन करने के वाद निष्कर्ष निकाले वह हम सबके हस्ताक्षर लिए जानने योग्य भी है और भविष्य के लिये चेतावनी भी देते हैं।
(1) जो व्यक्ति अपने हस्ताक्षर का पहला अक्षर बडा रखते हैं वे विलक्षण प्रतिभाशाली होते हैं। समाज में प्रतिष्ठित लोकप्रिय व उच्च पद वाले होते हैं। पहला अक्षर बडा हो और बाकी के छोटे और सुन्दर पठनीय हो तो व्यक्ति अपनी मेहनत व लगन से उच्च पद तक पहुँचते हैं। उन्हें धन की भी खुब प्राप्ति होती है व अपने कुल का नाम तो रोशन करते ही हैं। स्वभाव से रंगीन होते हुए भी विद्वान होते हैं।
(2) जिस व्यक्ति के हस्ताक्षर अस्पष्ट हों जल्दी से पढ़ा भी ना जा सके। वह व्यक्ति जीवनको सच्चे अर्थ में जी ही नहीं सकता। ऐसा व्यक्ति रंगीन सपने बुनने में समय बरबाद कर देता है। ऐसा व्यक्ति अप्रमाणिक होने के कारण कूटनीतिज्ञ व अपराधी प्रवृत्ति का होता है। व्यापार में वह बेईमानी करता है। निरर्थक कार्यों में भागदौड़ करता है और समाज से भी कट जाता है। पारिवारिक सदस्यों के साथ उसके प्रेम व स्नेह बंधन टूट जाते हैं। उसका वैवाहिक जीवन शंकाओं से घिरकर कष्टपूर्ण होता है और वह अत्यन्त चेतावनी सामान्य होता है।
(3) जिस व्यक्ति के हस्ताक्षर बहुत ही छोटे अक्षरों में होते हैं वह लिखते समय बीच-बीच में जगह भी छोडता है व हस्ताक्षर अच्छी तरह से पढे भी नहीं जा सकते। वह व्यक्ति महाधूर्त और चालाक होता है। अपने स्वार्थ के लिए वह किसी प्रकार का भी किसी का नुकसान कर सकता है। गैर कानूनी ढंग और बेईमानी से पैसे कमाता है। ऐसा व्यक्ति राजनीति या अपराध जगत में अच्छा नाम कमा सकता है।
(4) जो व्यक्ति अपने हस्ताक्षर के नीचे दो आड़ी लकीरें खींचता है वह व्यक्ति साधारण शिक्षित होता हैं तथा मानसिक रूप से निर्बल होते हैं। इनको अपने जीवन में भविष्य के प्रति भय सदा सताता रहता है। अतः कभी-कभी निराशा में आकर आत्म हत्या करने पर भी उतारू हो जाते हैं। ऐसे व्यक्ति के पास धन अधिक हो जाता है तो भी कंजूस प्रकृति के होते हैं।
(5) जो व्यक्ति कलात्म्क आकार का हस्ताक्षर करता है वह व्यक्ति चित्रकार या कलाकार होता है। ऐसे व्यक्ति गायक, व्यग्यकार, कवि व साहित्यकार होते हैं। ऐसे व्यक्ति अपने जीवन के अंतिम वर्ष बहत ही सुख और शांतिपूर्ण व्यतीत करते हैं।
(6) जो व्यक्ति स्वयं के हस्ताक्षर करते वक्त प्रथम अक्षर कुछ सांकेतिक रूप से लिखता है पर उपनाम पूरा लिखता है। हस्ताक्षर के नीचे बिंदु लगाता है वह भाग्यशाली होता है। ऐसे व्यक्ति सरल मृदुभाषी व्यवहारकुशल, समाज में सम्मान पाते हैं। ऐसे व्यक्ति आशावादी, श्रद्धावान, ईश्वर भक्त होने के कारण बुरे कर्मों की ओर आकृष्ट नहीं होते। उनका जीवन अत्यन्त संतोषप्रद होता है। उनको वैवाहिक जीवन व संतान सुख भी अच्छा मिलता है।
(7) जो व्यक्ति हस्ताक्षर के अन्तिम या प्रतिमा का अक्षर क नीचे बिंदु लगाता है वह विलक्षण प्रतिभा का धनी होता है।
अंत में हम यही कह सकते है कि हस्ताक्षर मनुष्य की मानसिकता का परिचय देते हैं अर्थात जैसे आपके मन में सुविचार या कुविचार होते हैं हस्ताक्षर में परिलक्षित हो जाते हैं। कभी-कभी हस्ताक्षर बदलते ही व्यक्तित्व में परिवर्तन हो जाता है। तो कभीकभी व्यक्तित्व में परिवर्तन होने पर हस्ताक्षर में भी बदलाव आ जाता है। भाग्य व दुर्भाग्य दर्शाते हस्ताक्षर हमें चेतावनी भी देता है।