हस्तलेखन हस्तलेख विश्लेषण कोई नया विज्ञान नहीं है, अपितु प्राचीनकाल से ही शोध का दिलचस्प क्षेत्र रहा है। समय-समय पर गुफाओं के प्राचीन भित्ति चित्र, काष्ठशिल्प, प्रतीकों, चिन्हों का विश्लेषण कर उस -समय के मानव की भावनाओं को जानने की कोशिश की है। हस्तलेख के मूल सिद्धांत आज से लगभग 6 हजार वर्षों पूर्व ही ज्ञात कर लिए गए थे।
हस्तलेखन को मस्तिष्क का लेखन कहा जाता है। क्यों कि अनुभवी हस्तलेख विशेषज्ञ के लिए यह किसी लेखक की अवचेतन अनुभूतियों की अभिव्यक्ति करता है। हर व्यक्ति की हस्तलिपि में परिवर्तन दुर्बलता, जल्दबाजी, उत्तेजना या वीमारी के कारण आ सकता है। किंतु ध्यानपूर्वक देखा जाए तो इन कारणों के साथ ही व्यक्ति का व्यक्तित्व पहचाना जा सकता है।
कुछ व्यक्ति गोल, बड़े स्पष्ट और कुछ व्यक्ति छोटे, घिचपिच, अस्पष्ट अक्षर लिखते हैं। लिखावट में भी जोर देकर या हल्के हाथों से लिखते हैं। इन बातों का सूक्ष्म हस्तलेखन विश्लेषण कर व्यक्ति के स्वभाव व्यक्ति आदि के बारे में जाना जा सकता है। झुकाव जो व्यक्ति सीधा लिखते हैं तो संकोची इसका आशय है कि मस्तिष्क का करता प्रभाव हृदय पर पड़ता है और ऐसे है व्यक्ति स्वतंत्र, ठडे और का . ० आर का आत्मविश्वासी होते हैं। आसानी से से वहाव में नहीं आते हैं। अनुभव वे कल्पनाशील और दूरदृष्टा नहीं होते हैं, परंतु व्यवस्थित और तथा नियमित तथा सुचारू रूप से कार्य मुश्किल करना इनकी आदत में शामिल होता है। सीधी हस्तलिपि वालों में भाव हैसंप्रेषणीयता का अभाव पाया जाता है। ये आत्मकेंद्रित, उच्च योग्यता से करता सुशोभित महत्वाकांक्षी व्यक्ति होते प्यार हैं। ,
अपनी योग्यता का पूर्णरूपेण उपयोग करने में निपुण होते हैं। देखा अधिकांशतया इस तरह का हस्तलेखन नेता, मैनेजर और कैरियरं को प्रधानता देने वाली महिलाओं में पाया जाता है।
बच्चों में यदि सीधा लेखन , पाया जाए तो यह कार्य तत्परता का लिखावट सूचक है। इस तरह की लिखावट से वाले व्यक्ति विद्या की अनेकानेक सूक्ष्म शाखाओं में रुचि लेते हैं। अंतर्मुखी व्यक्ति की लिखावट में बाई ओर भावना झुकाव व्यक्ति के शर्मीले और हैभावना ल और हैसंकोची स्वभाव की ओर इंगित में करता है। मनोवैज्ञानिकों का मानना में का आर इगित में है कि यह बचपन की ओर वापसी वज्ञानिकों का मानना में का प्रमाण है। ऐसे लोग बाह्य जगत का प्रमाण है। ऐसे लोग बाह्य जगत से भिन्न होते हैं। स्वयं को पृथक थक अनुभव करते हैं। अपने अहं के प्रति जागरूक हैंतथा इन्हें दूसरों के साथ समय बिताना क ना मुश्किल लगता है। प्रायः इस तरह की मनःस्थिति किशोरावस्था में होती है। ऐसा इस अवस्था में जागरूकता जाता और हार्मोनल समस्याओं के कारण से होता है। ये अपने परिवार को खूब होते प्यार करते हैं। काफी सावधानियाँ बरतने के बावजूद धोखा खा जाते पूर्णरूपेण है। जीवन में ऐसे लोग सुरक्षात्मक । दृष्टिकोण अपनाते हैं।
अधिकांशतया इस तरह की कैरियरं लिखावट वाले व्यक्ति कलाकार और में कवि होते हैं, जबकि अत्यधिक बाई ओर झुकाव भावनात्मक जीवन की लेखन उथल-पुथल दर्शाता है।
विशेषकर लड़कियों में, लिखावट परिणामस्वरूप उनमें दैनिक जीवन के अनेकानेक प्रति उदासीनता, चिड़चिड़ापन, अंतर्मुखी नाकारात्मक व्यवहार, प्रतिरोध की भावना तथा अहं केंद्रीयता पाई जाती आत्मा और है। प्रायः इस तरह के लोग समाज श भावना तथा अहं केंद्रीयता पाई जाती आत्मविश्वास और है। प्रायः इस तरह के लोग समाज झलकता में फिट नहीं बैठते हैं। इनके विचारा हस्त मानना में तेजी से परिवर्तन होता रहता हैपूरा इगित में फिट नहीं बैठते हैं। इनके विचारों हस्तलिपि वापसी मानना में तेजी से परिवर्तन होता रहता है।
लेखन में संयुक्त लिखावट में घातक जगत अक्षर एक-दूसरे से श्रीव जगत अक्षर एक-दूसरे से श्रेणीबद्ध तरीके पृथक से जुड़े होते हैं। ये निरंतर होने वाली प्रकृति थक से जुड़े होते हैं। ये निरंतर होने वाली प्रकृति मानसिक प्रक्रियाओं के सूचक होते जीवन जागरूक हैं, जो कि उद्देश्यपूर्ण होते हैं। साथ इगत बिताना ही लक्ष्य प्राप्ति के लिए एक व्यवस्था क है, जो कि उद्देश्यपूर्ण होते हैं। साथ इंगित ना हा लक्ष्य प्राप्ति के लिए एक व्यवस्था तरह और समन्वयक का प्रतीक भी है। होती इस तरह की लिखावट वाला व्यक्ति जागरूकता तर्क पर अधिक विश्वास करता है।
संवेदनशीलता तथा सहयोग की खूब भावना प्रमुख रूप से पाई जाती है। सावधानियाँ कभी-कभी अक्षरों में अत्यधिक जाते संयुक्तता व्यक्ति में कंजूसी और सुरक्षात्मक शक्की प्रवृत्ति को भी प्रदर्शित करती हैं।
जिन व्यक्तियों की हस्तलिपि और लघु आकार की होती है। यह दर्शाती बाई है कि व्यक्ति अपनी ऊर्जा को की विचारने में अधिक समय लगाता है। इस तरह की लिखावट वाले में, सैद्धांतिक मस्तिष्क वाले व्यक्ति हो जीवन के सकते हैं। अतः किसी भी कार्य को चिड़चिड़ापन, करने से पूर्व में खूब सोच-समझ लेते की हैं। उनमें एकाग्रता औरआत्मा श आत्मविश्वास का अभाव भी झलकता है। इसके विपरीत हस्त पूरा हस्तलिपि में चौड़ाई, शुद्ध और संगत दूरी प्रबल चेतन इच्छाशक्ति की घातक है।
चौड़ा लेखन प्रायः मजबूत प्रकृति वाला प्रकृति वालों का होता है और दैनिक जीवन में भावनात्मक समायोजन को इगत यह दशा इंगित करता है। शब्दों में अंतराल यह दर्शाता है कि व्यक्ति में स्वाभाविकता और उन्मुक्त भावनाए हैं।