गणतन्त्र वन्दना

स्वागत वन्दन है अभिनन्दन, हे गणराज तुम्हारा।


जन मन मंगलदायक कर दो, गौरव गर्व हमारा ।।


            जय हिन्द ! जय हिन्द !!


शस्य श्यामला भारत माँ का, उज्जवल भाग्य बनाओ,


अखण्डता की प्रचण्डता का, घर-घर दीप जलाओ,


उच्च हिमालय से सागर तक, बहे प्रेम की धारा।


स्वागत वन्दन है अभिनन्दन, हे गणराज तुम्हारा।।


             जय हिन्द ! जय हिन्द !!


स्वतंत्रता की ज्योति अमर हो, यही हमें शुभवर दो,


भारत माँ के आज बिन्दु में, उज्ज्वल आभा भर दो,


तिमिर तिरोहित करो राष्ट्र का, भरो अमर उजियारा।


स्वागत वन्दन है अभिनन्दन, हे गणराज तुम्हारा।।


                  जय हिन्द ! जय हिन्द !!


भ्रष्टाचार मिटायें मन का, राष्ट्र भक्ति हिय भर दो,


हम अनेक हो एक, एकता, हमको अजर अमर दो,


फूट-कलह-कुण्ठायें मेटो, दे दो सबल सहारा।


स्वागत वन्दन है अभिनन्दन, हे गणराज तुम्हारा।।


                जय हिन्द ! जय हिन्द !!


शान्ति-शक्ति-सद्भक्ति-सदाशा, आशा शुभ आदर्शमयी,


मानवता का मान बढ़ावे, उन्नति करके नवल नयी,


हिन्द-हिमालय-हिन्दू-हिन्दी, हो हमको अति प्यारा।


स्वागत वन्दन है अभिनन्दन, हे गणराज तुम्हारा।।


               जय हिन्द ! जय हिन्द !!


भारत माँ का मान बढ़ावें, “वन्दे मातरम' कह कर,


राष्ट्रधर्म की ज्योति जगावे, सकल आपदा सहकर,


अमर शहीदों को सिर नावे, जयहिन्द! गुँजाकर नारा।


स्वागत वन्दन है अभिनन्दन, हे गणराज तुम्हारा।।


           जय हिन्द ! जय हिन्द !!