पत्ते और डंडी का भी उपयोग कीजिए
बाजार में चारों तरफ हरे पत्तेदार सब्जियां छाई हुई हैं, लेकिन यह जानते हुए भी कि हरी पत्तेदार सब्जियां स्वास्थ्य के लिए अति आवश्यक है, बहुत कम सब्जियों का उपयोग किया जाता है व उनमें से बहुत हरी पत्तेदार सब्जियों को जानते हुए भी फेंक दिया जाता है।
जैसे- चोलाई की डंडी, कांटेवाली, चोलाई, चुकंदर, चने की दाल, इमली व लीची के पत्ते, अरबी, कद्दु, गाजर, फूलगोभी, लौकी, गिलकी, टमाटर, आलू, सोयाबीन, आंवले, करेले व शलजम के पत्ते को भी खाने में उपयोग कर सकते हैं।
यह बहुत कम लोगों को मालूम है। राष्ट्रीय पोषण संस्थान, हैदराबाद ने अपने पोषक तत्वों की किताब में बताया कि अधिक फल व सब्जियां जो हम खाते हैं, उनके पत्तों एवं जड़ों का उपयोग भी सब्जी बनाने में कर सकते हैं। ये पत्ते उन सब्जियों से ज्यादा पौष्टिक होते हैं जो बीमारी से बचाने या रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में काफी मददगार रहते हैं। इसी प्रकार गुलमोहर फूल व उसके पत्ते, पान के पत्ते, मटर के छिलके, खरबूज व तरबूज के ऊपर का छिलका, पालक का डंठल, सहजन के पत्ते को भी सब्जी की तरह इस्तेमाल कर सकते हैं।
हरा धनिया, पालक, पोटीना, मीठा नीम के डंठल को तो अधिकतर घरों में फेंक दिया जाता है। ये भी उतने ही पौष्टिक हैं जितने कि उनकी पत्तियां। हरी पत्तेदार सब्जियों में कैलोरी तो बहुत कम 100 ग्राम में 25-30 कैलोरी (नमी) पानी 80-90 प्र.श., वसा 03-06 ग्राम ही रहती है, लेकिन विभिन्न सूक्ष्म पोषक तत्व पर्याप्त मात्रा में उपस्थित रहते हैं जो शरीर को स्वस्थ रखने व रोगों से बचाने में अहम भूमिका निभाते हैं। इसलिए जरुरी है कि अधिकांश सब्जियों के हरे पत्ते व डंठल का भी हम उपयोग करें।