प्रभाव आज मोवाइल हमारे दैनिक जीवन का एक अभिन्न अंग बन चुका है, विना मोबाइल के आजकल जीवन को सोच पाना भी बहुत मुश्किल है। एक छोटे से छोटे इंसान से लेकर बड़े इंसान तक सभी मोबाइल से जुड़े हैं। गाँव और शहरों के बीच कोई दूरी नहीं रही है, लेकिन जिस तेजी से मोबाइल ने इंसानों के जीवन में दखल दी है।
वह अब एक गंभीर समस्या उत्पन्न करने वाला हो गया है। कई लोगों को तो सुबह उठने से लेकर रात को सोते समय तक मोबाइल पर ही बने रहना अच्छा लगता है। दैनिक जीवन में मोबाइल की ओर अधिक करीबी बढ़ाई है। मोबाइल सेवा देने वाली कम्पनियों के टावरों ने रिहायशी इलाकों में लगे यह टावर अब बेहद खतरनाक साबित हो रहे हैं और ऐसा कहना है खुद स्वास्थ्य मंत्रालय का।
स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा साफ- साफ कहा गया है कि मोबाइल और इसके टावर मानव शरीर पर कई हानिकारक प्रभाव दे रहे हैं। मोबाइल फोन और इसके टावर से निकलने महिलाओंवाली रेडिएशन हमारे हाजमे को बिगाड़ सकती है और यही नहीं इससे ठीक से नींद न आने की बीमारी और एकाग्रता की कमी हो सकती है। मोबाइल फोन से निकलने वाले रेडिएशन की वजह से थकान, नींद न आना, चक्कर आना और एकाग्रता की कमी जैसी समस्याएं हो सकती हैं। इसके अलावा याद्दाश्त की कमी, सिरदर्द, पाचन तंत्र में गड़बड़ी और हृदय स्पंदन की समस्या भी हो सकती है.।
एक उच्च स्तरीय समिति ने यह चेतावनी देते हुए रेडिएशन संबंधी नियमों में भारतीय जरूरतों के अनुसार बदलाव करने की सलाह दी है। घनी आबादी वाले इलाकों, स्कूलों और खेल के मैदानों के पास मोबइल टावर लगाने पर कड़ा प्रतिबन्ध होना चाहिए। वैसे इस तरह के रेडिएशन के दीर्घकाल में पड़ने वाले प्रभाव का स्पष्ट तौर पर पता नहीं है, लेकिन इसके प्रभाव पर वैज्ञानिक शोध होने चाहिए। खासकर बच्चों, गर्भवती महिलाओं और वृद्ध लोगों पर पड़ने वाले असर पर। मोबाइल से बचने के कई उपाए एवं भी बताए गए हैं। जैसे मोबाइल को वाइब्रेशन मोड में नहीं रखना चाहिए।
रात को सोते समय या दिन में भी मोबाइल को सर के पास नहीं रखना चाहिए। ज्यादा देर बात न करें, बच्चों और गर्भवती महिलाओं को मोबाइल के अधिक प्रयोग से बचना चाहिए।
हिंदी में शब्दकोषों का खजाना
अंग्रेजी में कई शब्दकोष इंटरनेट पर उपलब्ध हैं, जैसे ऑक्सफोर्ड, ब्रिटेनिका और कैम्ब्रिज डिक्शनरी। हिंदी में पहले-पहले तो कुछ लोगों ने शौकिया आधार पर ऑनलाइन शब्दकोष विकसित किए लेकिन अब कुछ आईटी कंपनियाँ भी अपने शब्दकोष ले आई हैं, जिनका स्तर काफी अच्छा है। अगर आप भी हिन्दी में काम करते हैं तो जरूरत पड़ने पर इन्हें जरूर आजमाइए।
शब्दकोष.कॉम
हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं में शब्दों के अर्थ जानने के लिए इसका इस्तेमाल कर सकते हैं। यहाँ के डेटाबेस में आम हिंदी पाठकों का भी योगदान है। क्योंकि यह साइट सबको नए शब्द और अर्थ सुझाने की छूट देती है। शब्दों के अर्थ के साथ-साथ पर्यायवाची, विशेषण, क्रियाएँ आदि भी सुझाए जाते हैं। हिंदी के अलावा कुछ दूसरी भारतीय भाषाओं की डिक्शनरीज भी उपलक हैं।
ई-महाशब्दकोश
भारत सरकार के तकनीकी संस्थान सी-डैक ने राजभाषा विभाग रकाबगंज, दिल्ली सुशोभित है। दिल्ली में आज भी गुरुद्वारा शीशगंज नवम पातशाह श्री गुरु तेग बहादुर के लिए यह ऑनलाइन शब्दकोश विकसित किया है। नाम से जाहिर है कि इसकी परिकल्पना जरूर बहुत बड़ी रही होगी, लेकिन असलियत में इस्तेमाल करने पर निराशा हाथ लगती है। बहुत से शब्दों के अर्थ ही नहीं मिलते और जिनके अर्थ मिल जाते हैं उनके हिंदी प्रयोग, अंग्रेजी प्रयोग और परिभाषाएँ नदारद हैं।
गूगल ट्रांसलेट
अगर आपकी जरूरत सिर्फ शब्द का अर्थ ढूंढने तक सीमित है तो आप इसे उपयोगी पाएँगे। हालाँकि इस पेज पर जाने के बाद आपको हिंदी-अंग्रेजी का चुनाव करना होगाएक तरफ अंग्रेजी का शब्द लिएि और जब तक आप लिखना समाप्त करेंगे, दूसरी तरफ उसका हिंदी अर्थ हाजिर हो जाएगा। वहीं पर पर्यायवाची शब्द भी देखे जा सकते हैं। हालांकि बुनियादी रूप से यह डिक्शनरी नहीं बल्कि अनुवाद सेवा है, लेकिन डिक्शनरी का काम भी बखूबी करती है।