* नकसीर फूटने पर प्याज का रस नाक में डालने से शीघ्र लाभ होता है।
* कान में प्याज का गर्म रस 5-6 बूंद डालने से कान दर्द, मवाद आना एवं बहरापन दूर होता है।
* लू लगने पर प्याज का रस कनपटियों और छाती पर मालिश करने और पीने से लाभ होता है। गर्मियों में प्याज पास रखने और नित्य दो बार खाने से लू नहीं लगती।
* मसूढ़ो के दर्द में प्याज का टुकड़ा उस स्थान पर रख देने से (जहां दर्द हो) लाभ होता है।
* मधुमक्खी, विषैले कीड़े, बिच्छू आदि जन्तुओं के काट लेने पर घाव में प्याज पीस कर लेप करने से रोगी को आराम मिलता है।
*प्याज को कूटकर सूंघने से खांसी, सांस, गले के रोग, टांसिल, फेफड़े टांसिल, फेफड़े के रोग दूर हो जाते हैं।
* शरीर के किसी भी भाग में यदि घाव हो गया हो तो प्याज के टुकड़े को भूनकर घाव में बांधने से आराम मिलता है।
* कपड़े पर कीचड़ अथवा कत्थे का दाग लग जाये तो उसे प्याज के रस से साफ करें, दाग तुरन्त साफ हो जायेगा।
* सफेद प्याज के रस को निरन्तर आंखों में डालते रहने से नेत्र ज्योति बढ़ती है तथा धुंध, नाखूना, जाला, गुबार और मोतियाबिन्द तक दूर हो जाता है।
* तीन आंस प्याज का रस प्रातः थोड़े से पानी में मिलाकर लगातार 50 दिन तक सेवन करने से मिर्गी का दौरा बन्द हो जाता है।
* हैजा होने पर आधी छटाक प्याज के रस में, थोड़ा सा नमक डालकर एक-एक घंटे में पिलाने से लाभ होता है।