सरसों के तेल के औषधीय गुण

* पेट में वायु, गैस की शिकायत होने पर नाभि के चारों आर सरता के तेल की मालिश करने से बहुत लाभ होता है।


*50 ग्राम सरसों के तेल में पांच ग्राम कपूर मिलाकर मालिश करने से बदन दर्द ठीक हो जाता है।


* जाड़े के दिनों में प्रायः अंगलियों में सजन आ जाती है। जिन रोगियों को यह शिकायत होती है, उन्हें सरसों के तेल में सेंधा नमक मिलाकर गर्म करके रात को अंगुलियों पर लगाकर मोजे पहनकर सोना चाहिए। अंगुलियों की सूजन मिट जाती है।


* सर्दियों में पैर फट गए हों, तो सोते समय सरसों का तेल लगाकर उस पर पिसी हल्दी डालकर सो जाएंकुछ दिनों में ही फटे पैर ठीक हो जाते हैं।


* स्तनों पर रोजाना सरसों के तेल की मॉलिश करने से स्तनों में मोटापन तथा उभार आता है तथा स्तन सुडौल बन जाते हैं।


* सोने से पूर्व नाभि पर सरसों का तेल लगाने से होंठ नहीं फटते।


* यदि ठंड से सिरदर्द हो जाए, तो नाक, कान, नाभि और और पैर के तलवों पर सरसों का तेल लगाएं।


* सरसों के तेल से पेट की हल्की-हल्की मालिश करने से कब्ज दूर होता है।


* सरसों का तेल, नींबू का रस तथा बारीक सेंधा नमक मिलाकर दांतों पर मंजन करने से दांत साफ होते हैं तथा दांतों का हिलना भी बंद हो जाता है।


* पिसी महीन हल्दी में सरसों का तेल तथा महीन नमक मिलाकर नित्यप्रति दांतों तथा मसूड़ों पर मंजन करने से दांत साफ होते हैं तथा दांतों का हिलना भी बंद हो जाता है। इससे कभी मसूढ़े नहीं फूलते और न ही कभी दांतों में दर्द होगा।


* जाड़े के मौसम में त्वचा का रूखापन मिटाने तथा त्वचा को स्निग्ध बनाए रखने के लिए शरीर की सरसों के तेल से मालिश लाभकारी है


। * रात्रि में सोते समय शरीर पर सरसों के तेल की मालिश करने से मच्छर नहीं काटते