तम्बाकू की बढ़ती लत से कैंसर जैसे रोग मिलते हैं।

सिगरेट पीने एवं तम्बाकू चबाने की बढ़ती प्रवृत्ति के कारण युवा पीढ़ी तेजी से कैंसर जैसे गैर संचारी रोगों का शिकार बन रही है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के विशेषज्ञों ने युवा पीढ़ी को खतरनाक रोगों से बचाने के लिये उनके बीच जागरूकता अभियान चलाने का आह्वान किया है। विश्व स्वास्थ्य संगठन की ओर से चलाई जा रही तम्बाकू मुक्त पहल के तहत गत दिवस यहां आयोजित एक कार्यक्रम में इस मिशन की सुश्री विनीत गिल मुनीष ने कहा कि अपने प्रारंभिक जीवनकाल में बच्चे अपने साथियों के दबाव और प्रलोभन में आने के कारण धूम्रपान की ओर आकर्षित होते है। 


यह कार्यक्रम दस स्कूलों के अलावा इंडिया हैल्थ प्रोग्रेस, कैंसर पेशेंटस एंड एसोसिएशन और नेशनल एसोसिएशन ऑफ स्कूल प्रोफेशनल्स की ओर से आयोजित हुआ। दिल्ली सरकार के कैंसर नियंत्रण कार्यक्रम में सलाहकार डॉ. मनोज शर्मा ने कहा कि धूम्रपान, कैंसर, हृदय रोगों और अन्य गैर संचारी रोगों में वृद्धि का एक प्रमुख कारण है।


स्कूली बच्चों को शुरुआत सालों में धूम्रपान और तम्बाकू के इस्तेमाल के खतरनाक प्रभावों से अवगत कराया जाना जरूरी है। इंडिया हेल्थ प्रोग्रेस के मुख्य सलाहकार अमन गुप्ता ने कहा कि तम्बाकू छोड़ने से न केवल सेहत बेहतर होती है बल्कि जीवन काल भी लम्बा होता है और इसी के साथ धन की भी बचत होती है। धूम्रपान छोड़ने तथा तम्बाकू सेवन से परहेज करने पर कैंसर, स्ट्रोक, हृदय रोग, किडनी की समस्या, दमा और गंभीर श्वसन रोग जैसे गैर संचारी रोगों के खतरों में भी कमी आती है। लोगों को तम्बाकू छोड़ने के लिये प्रेरित करने से अच्छी कोई और पहल नहीं हो सकती है।