• सवेरे शाम खाने के उपरांत, नियमित रूप से एक बड़ा चम्मच शहद का सेवन करने से टांग और पैरों में बल पड़ना या मोच आ जाना, आंखों का खटकना, जलना, मुंह के कोर कट जाना, डाइबिटीज और जोड़ों के दर्द से पीड़ित रोगी को थोड़े ही समय में निश्चित रूप से लाभ महसूस होता है।
• यदि उप घमौरियों से परेशान हैं तो तुरंत गुलाब जल में चंदन की लकड़ी का बुरादा और फिटकरी मिलाकर मिश्रण बना लें और इसे लोशन की भांति घमौरियों पर लगाएं। घमौरियां जड़ से खत्म हो जाएंगी।
• यदि उंगली में फांस घुस जाए तो वहां आयोडीन लगा लें, क्योंकि लकड़ी की फांस तुरंत आयोडीन को सोख लेगी और उसका रंग गहरा हो जाएगा। उसके बाद उसे चिमटी की सहायता से बाहर निकाल लें।
• यदि कान में कोई कंकरी, दाल का दाना या कीड़ा घुस जाए तो तुरंत तेल को हल्का सा गर्म करके कान में डाल लें, थोड़ी ही देर में जो भी वस्तु होगी बाहर निकल जाएगी।
* दांत के दर्द में रुई के फोहे को अमृतधारा ब्रांडी या लौंग के तेल में डुबोकर दर्द वाले दांत के पास दबाकर रखने से तुरंत दर्द गायब हो जाएगा।
*कान के असहनीय दर्द से पीड़ित रोगी यदि चौथाई चम्मच मीठा (तरल मीठा घोल) या सरसों का तेल लेकर एक चम्मच में गर्म कर लें और उसमें 3 या 4 बूंद अमृतधारा मिला लें और चंद बूदें दर्द करते हुए कान में डाल लें, तुरंत दर्द से राहत मिल जाएगी। यदि घर में अमृतधारा उपलब्ध न हो तो. ऐसी अवस्था में थोड़े से तिल या तिल का तेल, एक चम्मच में लेकर उसमें तल लें और तलने के बाद उसे ठंडा कर लें, इससे रोगी को तुरंत आराम मिलेगा।
* गैस खट्टी डकार, अफारा, छाती में जलन या कब्ज हो जाने पर 1/4 (एक चौथाई) चम्मच काला नमक और एक चम्मच अजवायन का मिश्रण बना कर ठंडे पानी के साथ सेवन करें, चंद मिनटों में राहत महसूस होगी।
• हिचकियां आने की स्थिति में, एक गिलास पानी में एक चम्मच चीनी मिला कर पिएं, तुरंत हिचकियों से छुटकारा मिलेगा।